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कॉलगर्ल

बड़ी को विदेश भेजकर वह फिर से जॉब पर लग गई। तकरीबन एक महीना हुआ था। लवलीन पर एक लड़की ने आईफोन और गोल्ड के इयररिंग्स की चोरी का आरोप लगाया। आईफोन और इयरिंग्स लवलीन की बैग से बरामद हुए। वह चिल्लाती रही यह चोरी उसने नहीं की थी। पर कौन उसकी बात सुनता? वो दोनो लड़कियां जहाँ उसके अंडर काम करती थी वह दोनों इंचार्ज के साथ काला मुंह करके बैठी थी। उन्होंने इस षड्यंत्र को अंजाम दिया।

जहाँ इतना सेटिंग हो वहाँ उसकी ईमानदारी का क्या मूल्य हो सकता है। पनिशमेंट के रूप में लवलीन को जॉब से हटा दिया गया। लवलीन खूब रोई थी। मगर उसके आंसुओं की एक भी बूंद पर किसी की नजर नहीं गई। संघर्ष भारी था। फिर से मुश्किलों के साथ लड़ना था। घर की जिम्मेदारियां सिर पर होने से टेंशन भी बहुत थी। जिंदगी के कटु एक्सपीरियंस ने उसे एक सबक दिया। औरत को जॉब पर बने रहने के लिए कहीं ना कहीं अपने शरीर का सहारा लेना पड़ता है। फिर वह अंग प्रदर्शन का हो या प्रेम के नाम पर होने वाले गंदे खेल का। वो जानती थी बहुत सी जगह पर ऐसे भेड़िए बैठे हैं जो खूबसूरत लड़कियों के रूप को पूरा दिन प्यासी निगाहों से पीते रहते हैं। इसीलिए तो सुंदर लड़कियों को जॉब के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती और उसे भी जॉब के लिए कोई मुश्किल नहीं पडने वाली। शादी के ख्वाइश मंद लड़के की तरह बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक राह तककर बैठे है । वह किसी नई फर्म में लग जाने वाली थी। लगभग एक साल तक लवलीन ने जॉब बदल बदल कर समय व्यतीत किया। जानबूझकर व लटके-झटके दिखाती थी। कंट्रोल में रहकर अंग प्रदर्शन करती। मेनेजरों से रंगीन बातें करती। कभी-कभी उनको स्पर्श का आनंद भी मुहैया कराती। और अपनी जॉब बचाने का प्रयास करती। इतनी छूट के बाद जब मैनेजर उसके शरीर पर हावी होने की कोशिश करते तो वह जॉब को अलविदा कह देती। बड़ी बहन ने एक लड़के को जन्म दिया था। वो अब कनाडा में स्थाई हो गई थी। वह खुश थी पुत्र के लिए उसने आया रखी थी। और वह खुद भी जॉब करती थी। अपने नंबर से लवलीन और मम्मी को भी वह कनाडा बुला लेना चाहती थी। फिर उसकी जिंदगी में एक तूफान आया। बिजनेस के सिलसिले में इंडिया आए उसके हस्बैंड की एक्सीडेंट में डेथ हो गई। बड़ी बहन पर जैसे आसमान टूट पड़ा। जिंदगी ने उसके साथ बहुत ही भद्दा मजाक किया था। कनाडा से बच्चे के साथ वह इंडिया आ गई। दिल्ली की सड़कों पर उस दिन भारी बारिश हो रही थी। जगह-जगह पर पानी भर गया था। चारों तरफ तालाब ही तालाब। टैक्सी के एक बिहारी ड्राइवर ने मौके का फायदा उठाकर रास्ते के अंधेरे में  सुनसान जगह पर ले जाकर टैक्सी रोकी। जहां पहले से ही उसके आवारा दोस्त बैठे थे। सब ने मिलकर उसका सामूहिक रेप किया। सड़क पर खून से लथपथ वह बच्चे के साथ मरी हुई पाई गई। अपनी मां की लाश पर बैठा बच्चा जोर से रो रहा था। किसी अच्छे इंसान हैं पुलिस को इत्तला की। बड़ी बहन के पास से घर के मोबाइल नंबर और आईडी प्रूफ मिले। बड़ी बहन की मृत्यु की खबर सुनकर लवलीन स्तब्ध हो गई । आंखों के सारे आंसू सूख गए। हर वक्त उसे अपने बड़े बहन का चेहरा दिखता था। "तुम सबसे मुझे दूर मत भेज यार दूर मत भेज।" उसके शब्द बार-बार लवली इनके दिमाग में घूमने लगे थे सचमुच वह उनसे दूर चली गई— काफी दूर। बड़ी बहन की अंतिम क्रिया के बाद उसका जीवन बिल्कुल बदल गया। उसने कसम खाई बड़ी बहन के हत्यारों को कहीं से भी ढूंढ लूंगी चाहे वह कहीं भी छुपे हो। सबकुछ तहस-नहस हो जाने के बाद फिर शुरू हुई उसकी जिंदगी की करुण कहानी। अब दुनिया को देखने का उसका नजरिया पूरी तरह बदल चुका था।

खुद को संकेत के नाम से परिचय देने  वाला व्यक्ति अपनी इनोवा को गैरेज वाले को देकर वहां पार्क किए हुए बुलेट पर सवार हो गया। फिर वह अपने घर की ओर रवाना हो गया। गैरेज वाले को अच्छे पैसे मिलने से वह खुश था। तकरीबन पंद्रह मिनट के बाद उसका बुलेट एक आलीशान बंगले के सामने रुका। शारीरिक रूप से मजबूत युवान ने अपने घुघराले बालों में हाथ फेरते हुए ब्लूटूथ को हवा में लहराया। उसके साथ ही बंगले का डोर ओपन हो गया। और तुरंत वह खुले दरवाजे में एंटर हो गया। लग्जरी रूम के आदमकद आईने के सामने इस वक्त पर खड़ा था। संभल कर उसने अपनी ठुड्डी के नीचे से चमड़ी के कोने को पकड़कर खींचा। चेहरे से चमड़ी खींचती चली गई। उसके साथ ही मुखौटा हट गया। और अब जो चेहरा आईने में नजर आ रहा था वह उसका ओरिजिनल चेहरा था। मुंबई के स्किन स्पेशलिस्ट की जादूगरी का कमाल उसने अपनी नजरों से देखा था। अपने माथे से विग उतार कर उसने साइड पर रखी।  लवलीन भी मान गई। जो चेहरा उसने फेसबुक पर रोमियो की आईडी में देखा था यह वही चेहरा था। पैसों की माया जाल से बनाया हुआ कवच उसने उतार फेंका था और अब उसके सामने एक अलग ही शख्स मौजूद था। कोई भी पहचान नहीं सकता था कि अभी कुछ देर पहले बुलेट पर आया हुआ इंसान वही था। उसके स्टाफ में से कोई होता तो यह नजारा देखते ही जरूर बेहोश हो जाता। *******  इंस्पेक्टर खटपटिया आज बहुत मूड में था। चौकी पर हाजिर होते ही उसने नारंग को कॉफी लाने का हुक्म दिया। उसकी खुशी का कारण किसी को मालूम नहीं था। कोई उसे पूछने की हिम्मत नहीं करने वाला था। "जगदीश!" वह जगदीश की ओर मुखातिब हुआ। समीर का अपहरण करने वाला कोई भी गुर्गा हाथ में नहीं आया है। लवलीन की बहन का रेप करने वाले गुंडे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं पुलिस स्टाफ की बहुत बदनामी हो रही है।" "सर, लेकिन हम भी तो पैर पर पैर चढ़ा कर बैठे नहीं है। हमने अपनी ओर से पूरी कोशिश की है मुझे यकीन है लवलीन की सिस्टर वाले केस को हम सॉल्व कर देंगे।" "क्यों कोई ख्वाब चमका है क्या?" खटपटिया को जगदीश की बात शायद अच्छी नहीं लगी।

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 10:25 PM

Nice one

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HARSHADA GOSAVI

30-Sep-2023 07:09 AM

Amazing

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Gunjan Kamal

28-Sep-2023 07:55 AM

शानदार भाग

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